कविता संग्रह >> धरती भी एक चिड़िया है धरती भी एक चिड़िया हैगौरव पाण्डेय
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धरती भी एक चिड़िया है : साहित्य अकादेमी की नवोदय योजना के अंतर्गत प्रकाशित यह पुस्तक भावुक किशोर कवि गौरव पाण्डेय की अत्यंत संवेदनशील कविताओं का संग्रह है। गौरव का भाव-जगत मूलतः गाँव के लोक का है। खेत, खलिहान, माँ, पिता, बहन और पत्नी तथा प्रेमिका पर लिखी ये कविताएँ हैं तो नई कविता के फार्म में, पर इनमें एक मधुर गतिमयता है। कविताएँ गाँव की भाषा में आविष्कार करती हैं। गौरव पाण्डेय की ख़ास बात यह भी है कि वे स्त्री के व्यक्तित्व का आदर करने वाले कवि हैं। प्रायः पुरुष समाज जिस स्त्री को प्रेम करता है उस पर अपनी मालिकीयत क़ायम करना चाहता है। वे पुरुष कवि हैं, पर अत्यंत उदार प्रेमी भी हैं। जगह-जगह कविताओं में स्त्री अपनी संपूर्ण स्वायत्तता के साथ प्रेम करती, जिंदगी में फूलों का रंग भरती दिखाई पड़ती है।
यह गाँव के किसान-मज़दूर और श्रमिक वर्ग की व्यथा-कथा को रचनात्मक ऊर्जा देने वाला संग्रह है। आज के समय में जब पढ़ने और नौकरी खोजने के ऊहापोह में गाँव के लड़के अपनी पहचान खो देने पर मजबूर हैं तब गौरव की कविताएँ अपनी अस्मिता की याद को बचाने का उपक्रम करती हैं। एक स्मृति विहीन होते समाज में गौरव की कविताएँ सुंदर हस्तक्षेप की तरह है।
प्रेम का दीपक जलता है तो रोशनी होती है पर जब प्रेम पक जाता है, कुछ विरोधों-संघर्षों के साथ मुठभेड़ करता है तो और गहरी प्रेमानुभूति की कविताएँ जन्म लेती हैं। फिर भी गौरव की कविताओं में एक उजास है, करुणा है दबे-कुचले लोगों के लिए, उत्सुकता है प्रकृति के लिए जुड़ाव है शेष सृष्टि के प्रति, यह एक अच्छी और शुभ बात है। प्रेम, गाव, जीवन, बदलाव और मूल्यहीनता के इस दौर में गौरव पाण्डेय की कविताएँ जीवन का गौरव नरक न रच कर एक मासूमियत की सुगंध पैदा करने वाली कविताएँ कही जा सकती हैं, जिन्हें पाठकों का व्यापक स्नेह अवश्य ही प्राप्त होगा, ऐसी आशा है।
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